(2022). الضرورة الشعرية التي لا ضرورة لها بين الإقرار والإنکار دراسة تطبيقية. test, 40(1), 3-76. doi: 10.21608/jflc.2022.255739
. "الضرورة الشعرية التي لا ضرورة لها بين الإقرار والإنکار دراسة تطبيقية". test, 40, 1, 2022, 3-76. doi: 10.21608/jflc.2022.255739
(2022). 'الضرورة الشعرية التي لا ضرورة لها بين الإقرار والإنکار دراسة تطبيقية', test, 40(1), pp. 3-76. doi: 10.21608/jflc.2022.255739
الضرورة الشعرية التي لا ضرورة لها بين الإقرار والإنکار دراسة تطبيقية. test, 2022; 40(1): 3-76. doi: 10.21608/jflc.2022.255739